इन दिनों देश वैश्विक महामारी कोरोना की मार झेल रहा है। ऐसे हालातों में हर जगह कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए क्वारेंटाइन सेंटर्स बनाए गए हैं। जहां बीमार लोगों को और एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन कर रहे लोगों को क्वारांइन पर रखा गया है। ऐसे में लगातार क्वारंटाइन की हदहाली की तस्वीरें लोगों को हैरान परेशान कर रही है।
ऐसे में आज हम आपकों क्वारंटाइन सेंटर की एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप हैरान हो जायेगे। इतना ही नहीं इस कहानी के बाद आपकों एक बार तो खली की याद आयेगी ही…

क्या है पूरा मामला
दरअसल बिहार के बक्सर में एक क्वारेंटाइन किए गए शख्स की खुराक इनती ज्यादा है, कि जिसे सुनकर आप हैरान रह जायेंगे। ये कहानी 21 साल के युवा अनुप ओझा की है जो इन दिनों अपने भोजन को लेकर पूरे देश में चर्चा का केंद्र बने हैं। अनुप एक समय में जिनका खाना खाता है। वह किसी भी इंसान की 2 से 3 दिन की खुराक से भी ज्यादा है।

एक बार में खाता है 10 लोगों का खाना
सूत्रों की माने तो 21 साल के अनुप का एक समय का खाना दो या तीन लोगों के बराबर नहीं बल्कि 10 लोगों के बराबर होता है। बता दे वह हाल ही में अनूप राजस्थान से वापिस बिहार लौटा है, जिसके बाद से वह कोरोना के चलते बक्सर के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा है। अनुप का खाना देखकर वहां रहने वाले लोगों के साथ-साथ आलाधिकारियों तक के पसीने छूट जाते हैं। दरअसल 21 साल का यह नौजवान एक बार में 10 लोगों के बराबर खाना खाता है।
वहां काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि बात चाहे रोटी की हो या फिर चावल की अनुप का डाइट आम आदमी से 10 गुना ज्यादा है।
एक बार में 85 लिट्टियां खा गया अनुप
ये बाद बेहद अजीब है कि अनुप एक बार में 10 लोगों का खाना खा जाता है, लेकिन सच है। ऐसे में हद तो तब हो गई जब अनूप ने सेंटर पर एक दिन रात के भोजन में बिहार के मशहूर भोजन यानी लिट्टी-चोखा के मेन्यू में 85 लिट्टियां हजम कर ली।
एक समय में खाता है 40 रोटी
मालूम हो कि अनुप आम तौर पर भी एक बार में आठ-दस प्लेट चावल या 35-40 रोटी के साथ दाल-सब्जी खाते हैं। तो वहीं जहां एक ओर प्रवासी युवक अनुप ओझा का भोजन जुटाने में विभाग की हालत खराब हो जाती है, तो दूसरी ओर रसोईयों का भी पसीना छूटने लगता है। चावल बनाना असान है, लेकिन उनुप के लिए एक वक्त में इस भीषण गर्मी में 40 रोटियां बनाने में रसोईयों की हालत खराब हो जाती है।
बता दे अनुप बक्सर जिला के ही सिमरी प्रखंड के खरहाटांड़ गांव निवासी गोपाल ओझा के पुत्र हैं और एक सप्ताह पहले ही अपने घर जाने के क्रम में क्वारंटाइन केंद्र में आया हैं। परिजनों ने बताया कि अनुप लॉकडाउन से पहले राजस्थान रोजी-रोटी की तलाश में गए थे, लेकिन इसी दौरान पूरा देश लॉकडाउन हो गया और वो डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक राजस्थान में ही फंसे रहा और अभी कुछ दिन पहले ही वह वहां से बिहार लौटा है।
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