बिहार और बाढ़ का रिश्ता काफी पुराना है। बिहार में हर साल किसी ने किसी इलाके में बाढ़ का सामना करना ही पड़ता है। बिहार के लोग कहते हैं कि हमारे यहां सावन नहीं आता बाढ़ आता है। बारिश और बाढ़ से बिहार पूरी तरह प्रभावित है। बात करें मुजफ्फरपुर की तो बूढ़ी गंडक पिछले 1 सप्ताह से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ की स्थिति इतनी भयावह है की पिछले तीन दशक का पुराना रिकार्ड टूट सकता है।
बता दें कि 1987 में बूढ़ी गंडक का जलस्तर 54 मीटर और 29 सेंटीमीटर था वही जलस्तर सिर्फ 38 सेंटीमीटर नीचे रह गया है। मुजफ्फरपुर के साथ-साथ समस्तीपुर में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है समस्तीपुर के डीएम के तरफ से सुरक्षा के तहत हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक, बागमती नदी भारी बारिश के चलते भयावह रूप ले रही है। मुजफ्फरपुर जिले के 13 प्रखंडों में लगभग 12 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुसने लगा है जिससे आम जनजीवन हताहत हो गया है। ऐसे में खाने-पीने और रहने की समस्या भी बढ़ गई है।
प्रशासन ने बढ़ते जलस्तर के बाद चिंता जताई है और इसके मद्देनजर राहत बचाव कार्य को तेज कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक किचन चलाई जा रही है। जहां बाढ़ पीड़ितों को दो वक्त का भोजन मुहैया कराया जा रहा है। आवागमन के लिए नाव की भी व्यवस्था की गई है।
Comments are closed.