सीतामढ़ी के लाल ने देश में किया नाम रौशन, लाल किले पर परेड के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल दस्ते की करेंगे अगुवाई
साजन शर्मा की रिपोर्ट
बिहार का लाल पुरे देश मे अपना नाम रौशन करने वाला है। गणतंत्रता दिवस के मौके पर सीतामढ़ी के डुमरा प्रखंड के एक छोटे से गांव तलखापुर का रहने वाल कमरुल जमा को लाल किला पर परेड के दौरान ब्रम्होस मिसाइल दस्ते की अगुवाई करने का अवसर मिला है। कमरुल जमा बिहार के इकलौते वह शख्स है जो बिहार के तरफ से लाल किले पर परेड मे अपनी भागेदारी निभायेंगे।

ब्रम्होस मिसाइल भारतीय सेना का वह अचूक शस्त्र है जो धरती से धरती पर मारक क्षमता रखता है । 400 किलोमीटर की मारक क्षमता रखने वाला यह हथियार देश की आन शान और बान का प्रतिक है जिसकी गति ध्वनी की रफ्तार से भी तीन गुणा ज्यादा है। कमरुल जमा के इस उपलब्धि को लेकर उनके घर परिवार और गांव के लोग काफी गर्व महसूस कर रहे है। कमरुल जमा एक साधारण से परिवार से ताल्लुक रखते है और सेना मे वह कर्नल के पद पर काबिज है। सीतामढ़ी के डुमरा प्रखंड के एक छोटे से गांव तलखापुर के रहने वाले कमरुल जमा के पिता आज भी एक छोटा सा रोजगार के जरिये अपनी जीविका चलाते है। घर मे कमरुल की माता पिता और एक बहन है। सभी अपने लाल पपर गर्व महसूस करते है।

कमरुल जमा के पिता गुलाम मुस्तफा का कहना है कि वे कभी भी सोचे नही थे अपने बेटे की इस कामयाबी पर।काफी खुश है और उनको अपने बेटे पर गर्व है ।उनका जो सपना था उनके बेटे ने साकार करने का काम किया है।कमरुल के पिता कहते है कि वे अल्ला ताला से दुआ करते है कि गांव और समाज के दुसरे बच्चे भी बदरुल जमा से प्रेरणा लेकर देश की सेवा मे जाये। कमरुल की बहन और माँ सुफाल खातून भी अपपने बेटे पर गर्व महसूस कर रही है और काफी खुश नजर आ रही है। बेटे को उसकी कामयाबी पर फोन करके उसको बधाई देने का भी काम किया।
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