नवादा :- शराबबंदी कानून लागू कराने में लापरवाही बरतने पर सेवा से बर्खास्त किए गए दो एसआई सहित चार पुलिसकर्मी
सुनील कुमार की रिपोर्ट
नवादा जिले में जहरीली शराब से 16 लोगों की मौत के बाद एक कड़ी कार्रवाई की गई ,जहां शराबबंदी कानून को लागू करने में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिस अफसरों और एक सिपाही को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इन सभी पर पूर्व के मामले में विभागीय कार्यवाही चल रही थी। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय की तरफ से यह कार्रवाई की गई है। सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिस अफसरों में एएसआइ संजय कुमार-2, एएसआइ देवेंद्र कुमार, प्राअनि रतन रजक और सिपाही मुकेश कुमार सिंह का नाम शामिल है। नवादा एसपी धूरत सयाली सावलाराम ने इसकी पुष्टि की है।
गौरतलब है कि बिहार पुलिस मुख्यालय मद्य निषेध प्रभाग के पत्र संख्या – (सं सं-51/2020) -432 दिनांक 27 मार्च 2021 के अनुसार ऐसे पुलिस अफसरों व सिपाहियों पर मद्य निषेध कानून को लागू करने में लापरवाही बरतने का आरोप है। दर्ज प्राथमिकी एवं विभागीय कार्यवाही के संचालन के बाद उन्हें बर्खास्त किया गया है। पत्र के मुताबिक सूबे के 211 पुलिस अफसरों व कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। संबंधित जिलों के एसपी से बर्खास्त किए गए पुलिस अफसरों व कर्मियों के संबंध में पिता का नाम, गृह पता आदि से संबंधित ब्योरा मांगा गया है। हालांकि पत्र में जिले के छह अफसरों व सिपाहियों को बर्खास्त किए जाने का जिक्र है। पुलिस मुख्यालय की इस कार्रवाई के बाद महकमे में हड़कंप मचा है।
गौरतलब है कि एएसआइ संजय कुमार-2 और एएसआइ देवेंद्र कुमार सिरदला थाना में पदस्थापित थे। स्वाट दस्ता ने दो शराब धंधेबाजों को पकड़ कर सुपुर्द किया था। दोनों अफसरों पर आरोप था कि रुपये लेकर दोनों को छोड़ दिया गया है। इस मामले में 23 दिसंबर 2020 को तत्कालीन एसपी हरि प्रसाथ एस ने दोनों को निलंबित कर दिया था। उन दोनों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। संजय उस वक्त सिरदला के प्रभारी थानाध्यक्ष थे। वहीं प्राअनि रतन रजक को शराब मामले में 10 नवंबर 2018 को निलंबित कर दिया था। इन पर कार से शराब लेकर जा रहे एक धंधेबाज से रुपये वसूलने के लिए चार घंटे तक रोके रखने का आरोप था। कार में 430 पाउच मसालेदार व 43 पाउच देसी झारखंड निर्मित शराब थी।
शराब मामले में लापरवाही को लेकर कई अन्य पुलिस अफसरों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। बर्खास्त किए गए पुलिस अफसरों के अलावा अन्य पर शराब धंधेबाजों का आरोप लगा है। जिसमें उन्हें निलंबित किया गया था। कुछ वर्षों पूर्व नरहट, गोविंदपुर थाना में पदस्थापित रहे पुलिस अफसरों पर शराब धंधेबाजों को रुपये लेकर छोड़ देने का आरोप लगा था। जिसमें उन्हें निलंबित किया गया और उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही थी। ऐसे में आशंका है कि उन पुलिस अफसरों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
लापरवाही का आरोप पुलिस पर लगता रहा है। लोगों का मानना है कि पुलिस की मिलीभगत से ही शराब धंधेबाज फल-फूल रहे हैं। शुभ-लाभ के फेर में पुलिस धंधेबाजों पर कार्रवाई नहीं करती है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय की यह कार्रवाई लोगों के आरोपों की पुष्टि करती दिख रही है। हालिया दिनों पर गौर करें तो शराब से मौत के बाद जिस प्रकार पुलिस हरकत में आई, उससे धंधेबाजों पर शामत आ गई है। अगर यही कार्रवाई पहले की गई होती तो शायद लोगों की जान बच जाती।
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